Happy New Year

Happy New Year
   Here’s my desire from my heart ----

भारत भूमि करे पुकार

जागो
देश के नौजवान

सशक्त
प्रहरी बन कर

देश
की आन बान शान

का
मान रखे  

संस्कारों
की नीव डाल

मर्यादा
की ईंट लगा

नव
राष्ट्र का निर्माण करे

चलो
एक नई शुरुआत करे

 
दिल ढूँढता है उन

प्रखर
बुद्धिजीवियों को

देश
के प्रति खुद को सम्पर्पित कर दिया जिन्होंने

दिल
ढूँढता है गुरुदेव को,पन्त को,

ढून्ढ
लाये कोई आज विवेकानंद को,एस सी बोस को ,

होगी कहीं
तो झाँसी की रानी,या फिर सुभद्रा कुमारी चौहान
 नीड़ के निर्माता को फिर से दूंढ निकाले

चलो
एक नई शुरुआत करे

दिलों को जोड़ने की कुछ बात करें

देश हमारा
, देशवासी हमारे

फिर क्यों हैं खड़े हाथ हमारे


अपने फ़र्ज़ से क्यों मुहँ  मोड़ रहे हम


मजहब
की बेड़ियाँ तोड़ कर  

इन्सान्तियत को अपना धर्म बनाएं
 

जातिवाद
को जड़ से मिटाने का संकल्प करे

चलो
एक नई शुरुआत करे

श्रृंगार रस को छोड़कर

वीर
रस की ओर बढें

नफरत
की भाषा छोड़कर

दो
मीठे बोल कहें

विध्वंसता
के नाद को बंद कर
 
सृजन शक्ति का निर्माण करें

चलो
एक नई शुरुआत करे

सूर्य की रश्मि प्रचंड हुई

पर
थको तुम, रुको तुम

पुर्वायु
ने मधुर झंकार की

पर
इन गीतों में कहीं उलझ जाओ तुम

आत्म
मंथन का समय है यह

आओ
अपने कल्पित मन को शुद्ध करे

चलो
एक नई शुरुआत करे

बीत गया वो महासंग्राम

जब
युद्ध था अंजानो से

अपनी
भूमि की रक्षा करनी थी परायों से

अब
तो बहुत छोटी सी व्यथा है

धर्म
जाति का ज़हरीला पेड़ उखाड़ना है

मिटा
दो आपसी वैमनस्य का कलंक

अब
बंटे हुए भारत को एकसार करे

चलो
एक नई शुरुआत करे

भ्रष्टाचार का साम्राज्य है चहुँ ओर

धन
की लालसा लील गई है सब कुछ

देह
पिपासा ही हो रही है शांत

संस्कारों
को मार गई है काठ

इस
लोलुप्ता से देश को बचाने के लिए

सब
एकजुट हो कर कार्य करे

चलो
एक नई शुरुआत करे

चलो
एक नई शुरुआत करे I 

Comments

Popular posts from this blog

Past partition

GST and Demonetisation